“प्रदेश को बाल श्रम मुक्त बनाने के लिए साझे और सार्थक प्रयास की आवश्यकता”–सुश्री संगीता बेनीवाल
दक्षिणी राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश 3 राज्यों के विशेषज्ञों के साथ बाल अधिकारों और विशेष रूप से बाल-श्रम को लेकर एक साझे मंच पर संवाद स्थापित किया जा सका I विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर आयोजित ऑनलाइन वेबीनार में राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष सुश्री संगीता बेनीवाल ने प्रदेश को बाल श्रम मुक्त बनाने के लिए पलायन से रोक, पुनर्वास की सुविधा तथा निगरानी तंत्र विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया I उन्होंने बताया कि बाल आयोग तथा राज्य सरकार मिल कर इस दिशा में प्रयासरत हैं और चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अथक प्रयासों के बाद भी अभी तक इस समस्या से छुटकारा नहीं मिल सका है अत: सभी हितधारकों से विशेषकर स्वयंसेवी संगठनों से आव्हान किया कि वे आगे आकर बीड़ा उठायें और सार्थक प्रयासों से प्रदेश में प्रत्येक गाँव, ढाणी तथा ब्लॉक बाल श्रम मुक्त बनाएँ I
जयपुर राजस्थान से ही बाल अधिकार विशेषज्ञ श्री गोविंद बेनीवाल ने बाल श्रम रोकने के उपायों का ज़िक्र करते हुए कहा कि शिक्षा व्यवस्था को मज़बूत बनाकर विद्यालयों में नामांकन बढाया जाये, वंचित परिवारों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़कर, आदिवासी अंचल में परिवारों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के क्रम में पंचायत स्तर पर बाल संरक्षण को मज़बूत बनाने पर ज़ोर दिया जाना आवश्यक है I
बांसवाडा जिले से बाल कल्याण समिति अध्यक्ष श्री दिलीप रोकडिया जी ने बताया की जिले में वाग्धारा संस्था विगत कई वर्षो से विभाग के साथ मिलकर बाल श्रम की मुख्य समस्या को ख़त्म करने, स्थानीय स्तर पर रोजगार बढाने व पलायन कम करने की दिशा में ग्राम स्तरीय संगठनो के साथ मिलकर बाल श्रम मुक्त गाँव बनाने के लिए कार्यरत है I
मध्यप्रदेश बाल कल्याण समिति के सदस्य श्री प्रदीप जैन ने बाल श्रम दिवस का महत्व एवं सरकार द्वारा किये गए प्रयासों की जानकारी दी और बाल श्रम निषेध हेतु शपथ दिलवाई गयी । सारा संस्थान झाबुआ, मध्य प्रदेश से श्री जिमी निर्मल ने इस बात पर जोर दिया कि आज के समय में शाला त्यागी बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने पर समावेशी प्रयासों की कार्य योजना बनाकर उसको अमल में लाने की आवश्यकता है ताकि बाल श्रम को रोका जा सके । भोपाल से आरंभ संस्था निदेशक श्रीमती अर्चना सहाय ने बाल श्रम की व्याख्या कर बच्चों को उनके अधिकार प्रदान करने पर स्वंय सेवी संस्थाओ की भूमिकाओ पर बल दिया ।
इस संवाद का सञ्चालन करते हुए वाग्धारा से बाल शिक्षा एवं विकास स्वराज विशेषज्ञ श्रीमति मधु सिंह ने बताया कि वाग्धारा द्वारा गठित बाल स्वराज समूह, ग्राम स्वराज समूह और कृषि एवं आदिवासी स्वराज संगठन किस प्रकार से रणनीतिगत तरीके से सच्चा बचपन थीम के तहत बाल अधिकारों को सुरक्षित करने के प्रयासों में सहायक हैं ताकि तीनों राज्यों के 1041 गावों को बाल मैत्री गाँव बनाए जाने के क्रम में गहराई के साथ जुड़कर कार्य किये जा सकें ।
अंत में वाग्धारा संस्था के कार्यान्वयन इकाई प्रमुख श्री परमेश पाटीदार ने इस संवाद में सम्मिलित अतिथियों एवं 500 से अधिक सहभागियों का आभार व्यक्त किया ।
संवाद के साथ-साथ सभी 1041 गाँवों में समुदाय के साथ मिलकर बाल स्वराज समूह, ग्राम स्वराज समूह और कृषि एवं आदिवासी स्वराज संगठन के सदस्यों ने प्रभात फेरी का आयोजन कर जन-जन तक यह सन्देश पहुंचाने का प्रयास किया कि इन नाजुक हाथों से "मेहनत मजदूरी न करवाओ, इन हाथो में कलम थमाओ" बालमन के ह्रदय की गहराइयों को समझने की आवश्यकता के मद्धेनज़र वयस्कों से यह गुहार की गयी इंसान के जीवन का अति महत्वपूर्ण दौर बचपन को महफूज करने से ही देश को ज़िम्मेदार नागरिक भी मिल सकेंगे ।
“A big need for widespread and significant efforts to make the state child labor free” – Ms. Sangeeta Beniwal, Honourable chairperson, RSCPCR
An online webinar organized by VAAGDHARA on the occasion of World Child Labor Prohibition Day-12 June 2023 to establish a dialogue with experts from the tribal tri-junction of 3 states of Southern Rajasthan, Gujarat, and Madhya Pradesh on a common online platform concerning child rights and child labor.
The Chairperson of the commission, Ms. Sangeeta Beniwal stressed the need to prevent migration, rehabilitate facilities and develop a monitoring system to ensure the state is child labor free. She expressed concern and added that even the Child Commission and the State Government are functioning collectively on a similar path with tireless efforts though the dilemma has not yet been resolved, thus she enlightened all the stakeholders, especially the voluntary organizations, to Come forward and take the initiative with significant efforts put together to construct every village and block child labor free in the state.
Child rights practitioner Mr. Govind Beniwal from Jaipur, Rajasthan, mentioned that in the process to stop child labor, by strengthening the education system need to ensure the increased enrolment in schools, linkages with social security schemes of the deprived families, and increasing the living income of the families in tribal junction. To strengthen, it is necessary to emphasize strengthening child protection at the panchayat level.
President, of the Child Welfare Committee Banswara Mr. Dilip Rokadia, said that for the past several years, the Vaagdhara organization has been working with the district-level departments and village-level existing Sangathan (People’s Organization) to reduce migration to create a child-labor-free village.
Member of the Madhya Pradesh Child Welfare Committee Mr. Pradeep Jain told about the importance of Child Labor Day, efforts by the state government and local administration to reduce child labor an oath has been taken by the group to prevent child labor. Mr. Jimmy Nirmal from Sara Sansthan, Jhabua, emphasized that in the present situation, there is a big need to plan and implement inclusive efforts to reduce school dropout in children. It will be helpful in the reduction of child labor.
The facilitator of this dialogue, a Child Education and Development Swaraj expert from Vaagdhara, Ms. Madhu Singh gave a brief explanation about the strategic support system at the community level groups like- BSS, GSS, Krishi and Adivasi Swaraj Sangathan. These groups are working effectively with deep involvement to secure and promote child rights as well as to build these 1041 villages as child-friendly villages under the theme of true childhood.
At last, the lead implementation unit of Vaagdhara, Mr. Parmesh Patidar gave a vote of thanks and expressed gratitude to the special speakers and more than 500 participants involved in this dialogue.
Along with dialogue, the members of Bal Swaraj Samuh, Gram Swaraj Samuh and Krishi and Adivasi Swaraj Sangathan along with the community organized ‘Prabhat Pheri’ in all the 1041 villages and tried to convey this message to the people that “Children need LOVE and Care, child labor is not FAIR” and “Childhood needs EDUCATION, not child labor and DESTRUCTION".
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