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वाग्धारा एवं जनजातिय स्वराज संगठनों द्वारा जनजाति क्षेत्र को बाल श्रम मुक्त बनाने हेतु पचास हजार से अधिक लोगों को दिलवायी शपथ

आज विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के मौके पर वाग्धारा संस्था, चाइल्ड लाइन 1098 एवं जनजातिय स्वराज संगठनों के संयुक्त तत्वाधान में बाँसवाड़ा जिले की घाटोल, आनंदपुरी, सज्जनगढ़, कुशलगढ़, गांगडतलाई पंचायत समितियों एवं गुजरात के जालोद व फतेहपुरा और मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के थांदला पंचायत समिति व रतलाम जिले की बाजना पंचायत समिति  के 1000 गांवों में आज बाल श्रम को लेकर एक विचार गोष्टी का आयोजन किया गया जिसमे बताया गया की बाल श्रम हमारें जिले में एक अभिश्राप हैं | बाल श्रम एक ऐसा अभिशाप हैं जो बच्चों के जीवन के अमूल्य समय को छीन लेता हैं , एवं उनके सच्चे बचपन को उनसे दूर कर देता हैं |

संस्था के कार्मिको द्वारा बताया गया की आज भी गाँवो में गरीबी हैं, मगर उसका मतलब यह नहीं की हम हमारे बच्चों से बाल मजदूरी करवाए | सरकार की अनेकों योजनाएं संचालित हैं जिससे उन परिवारों को लाभान्वित किया जा सकता हैं जो गरीबी के कारण अपने नन्हे मुन्हे बच्चों को मजदूरी की ओर धकेल देते हैं | परन्तु जानकारी के आभाव में यह परिवार उन योजनाओं का लाभ नहीं ले पाते हैं जिससे सैकड़ो बच्चें बाल श्रम की भेंट चढ़ जाते हैं |

जनजातिय स्वराज संगठनों के माध्यम से इसे परिवारों को चिन्हित किया जाएगा ताकि उनको सरकार की योजनाओं से फ़ायदा दिलवाया जा सके | कार्यक्रम में पधारे जनजातिय स्वराज संगठनों के सदस्य एवं ग्राम विकास बाल अधिकार समिति सदस्यों के साथ बाल पंचायत का संवाद भी करवाया गया जिसमे बच्चों ने अपनी बात को उनके सामने रखकर उनके साथ घटित होने वाली समस्याओं से अवगत करवाते हुए उनसे आग्रह किया की उनको एक ऐसा वातावरण प्रदान किया जाए जहाँ उनके साथ किसी भी प्रकार का शोषण न हों एवं उनको समस्त अधिकार प्राप्त हो |

इसके बाद सभी सदस्यों द्वारा बच्चों को जानकारी दी गयी की अब जनजातिय स्वराज संगठनों की मदद से गाँव स्तर से लेकर जिला स्तर तक प्रत्येक वंचित बच्चें को शिक्षा से जोड़ने का अभियान चलाया जाएगा एवं जो भी बच्चें बाल श्रम की गिरफ्त में हैं उनको पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति एवं चाइल्ड लाइन सेवा 1098 की मदद से बाहर निकाल कर परिवार में पुनर्वास किया जाएगा एवं उनको शिक्षा से जोड़ा जाएगा एवं उनके परिवार की आर्थिक मदद सरकार द्वारा की जाएगी |

आज के कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बाल श्रम से बच्चों के जीवन पर होने वाले नुकसानों से अवगत करवाना एवं जनजति क्षेत्र को बाल श्रम मुक्त घोषित करवाने के लिए समस्त हितधारको की क्या क्या जिम्मेदारियां है उससे अवगत करवाना रहा | अंत में सभी सहभागियों द्वारा बाल श्रम को रोकने की शपथ दिलवाई गयी | पुरे कार्यक्षेत्र में कुल 27 जनजातिय स्वराज संगठनों के सहयोग से सभी 1000 गाँवो में कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमे 50783 समुदाय के लोगो की सहभागिता रही|