आज दिनांक 10 अगस्त 2020 को चाइल्ड राइट्स फॉर चेंज परियोजना के अंतर्गत वाग्धारा संस्था, सेव द चिल्ड्रन एवं ज़िला प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान में अरथुना पंचायत समिति सभागार में बाल संरक्षण विषय पर सरपंच व ग्राम विकास अधिकारीयों का एकदिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया | जिसमे सम्बन्धित ग्राम पंचायतों से सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी एवं ब्लॉक स्तर के अधिकारियों ने बच्चों के हितो को सर्वोच्च प्राथमिकता दिए जाने और उनके कौशल विकास के लिए कार्य करने का संकल्प व्यक्त किया |
जिला बाल कल्याण समिति के सदस्य मधुसुदन व्यास ने मुख्य वक्ता के रूप में अपनी भागीदारी निभाई | प्रशिक्षण की अध्यक्षता विकास अधिकारी नरेश कुमार ने की | संस्था के कार्यक्रम प्रबन्धक माजिद खान ने बालोत्थान में ब्लॉक व पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समितियों की महत्ती भूमिका निरुपित करते हुए इसके विधिवत गठन को सर्वोच्च प्राथमिकता दिए जाने की आवश्यकता पर बल दिया |
जिला बाल कल्याण समिति सदस्य मधुसुदन व्यास ने उपस्थित सहभागियों को बाल मैत्री गाँव और पंचायते बनाने में तथा बाल श्रम से मुक्ती का अभियान चलाते हुए बच्चों को बाल विवाह से निजात दिलाकर उन्हें शिक्षा से जोड़ने व बाल संरक्षण समितियों का गठन किए जाने की विधिवत प्रतिज्ञा दिलाई |
विकास अधिकारी ने कहा की पूरी पंचायत समिति को बाल मित्र बनाने के लिए हर ग्राम पंचायत स्तर एवं ब्लॉक स्तर पर बाल संरक्षण समितियों का गठन किया जाएगा एवं जब तक हम स्वयं बच्चों की वर्तमान स्थिति को आत्मसात कर दिल से उनके संरक्षण के बारे में ना सोचेंगे तब तक समेकित बाल संरक्षण योजना का प्रभावी किर्यान्वयन जमीनी स्तर तक नहीं हो पाएगा | इसलिए हम सभी जिम्मेदार लोगो को बच्चों के प्रति संवेदनशील होकर इन समितियों में अपनी जिम्मेदारी पूरी ईमानदारी के साथ निभानी होगी ताकि आने वाले समय में पुरे जिले में अरथुना पंचायत समिति एक आदर्श बाल मित्र पंचायत समिति के रूप में अपनी पहचान साबित करे | इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन पर निर्मित एक फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया |
चाइल्ड लाइन सेवा से शोभा सोनी ने इस सेवा के माध्यम से बच्चों के लिए किए जा रहे प्रयासों से सभी को अवगत करवाया साथ ही सभी सहभागियों से निवेदन किया की वर्तमान में कोरोना महामारी के समय में सबकी भूमिका बहुत ही महत्त्वपूर्ण है ताकि बच्चों को पूरी तरह से संरक्षण दिया जा सके, साथ ही ध्यान रखे की कोई भी माँ बाप अपने बच्चों को किसी भी प्रकार के बाल श्रम में शामिल ना करे|
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