दिनांक 31 जुलाई को भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के द्वारा वेबीनार का आयोजन किया गया जिसमें श्री जी. अशोक कुमार निर्देशक, जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार, राजेश कुमार पाठक जिला कलेक्टर गढ़वा झारखंड, सौम्या पांडे मुख्य विकास अधिकारी कानपुर देहात उत्तर प्रदेश एवं राजस्थान के बांसवाड़ा जिले से वाग्धारा संस्था के सचिव जयेश जोशी ने मुख्य वक्ता के रुप में वेबीनार में भाग लिया। जिसमें निर्देशक महोदय के द्वारा वेबीनार के मुख्य उद्देश्य को बताते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर संवाद के माध्यम से हम वर्षा के जल को जहाॅ गिरे, जितना गिरे उसको संचय कैसे कर सकते है और इसमें लोगों की भागीदारी को भी किस प्रकार से बढ़ाया जा सकता है उस पर अपने अनुभवो को सांझा किया।
वाग्धारा संस्था सचिव जयेश जोशी के द्वारा बताया गया कि संस्था राजस्थान, मध्यप्रदेश एवं गुजरात के 1000 जनजातीय समुदाय के साथ में काम कर रही है। जोशी द्वारा बताया गया कि बारिश के पानी का सबसे पहला घर मिट्टी होता है और यंहा का जनजातीय समुदाय मुख्यताः अपना जीवन इस मिट्टी के इर्द गिर्द जीता है। इस कारण लोगो के बीच चर्चा और संवाद को स्थापित किए बिना जल संरक्षण के काम को सुनिश्चित नही किया जा सकता। वाग्धारा इसी चर्चा और संवाद को समुदाय के बीच गांवो में ग्राम चैपाल के माध्यम से प्रयारत है। इसमें ग्राम चैपाल को आयोजित कर लोग बरसात के पहले घर मिट्टी को सुरक्षित करने पर चर्चा करते है, साथ ही साथ जो भी कार्य वर्षा जल को संग्रहण करने के लिए किए जाये उसमें समुदाय कि भागीदारी को सुनिश्चित किया जाए। जयेश जोशी द्वारा वेबीनार के माध्यम से यह सुझाव रखा गया की पंचायतो में वर्षा जल संचय को लेकर कार्यक्रम आयोजित किए जाये। इसी के साथ यह भी प्रस्तावित किया गया कि जिला स्तरीय नरेगा कार्य योजना में जल संग्रहण हेतु अलग से बजट को सुनिश्चित किया जावे, सुझाव रुप कम्युनिटी रेडियो की जागरुकता फैलाने में अहम भुमिका के बारे में भी सभी को बताया गया उन्होने कहा कि रेडियो के माध्यम से लोगो तक पहुंचना बहुत सहज है।
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