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जिला प्रशासन एवं वागधरा संस्था के संयुक्त तत्वाधान में “पोषण स्वराज अभियान” का शुभारंभ जिले के 750 गांवों के आंगनवाड़ी केंद्रों पर

जिला प्रशासन- बांसवाडा, महिला एवं बाल विकास विभाग, चिकित्सा विभाग एवं वागधरा संस्था के संयुक्त तत्वाधान में आज बांसवाड़ा जिले के 750 गाँव के आंगनवाड़ी केंद्रों पर कुपोषित एवं अति कुपोषित बालकों एवं उनकी मातायों के साथ 15 दिवसीय पोषण शिविर का आयोजन “पोषण स्वराज अभियान” के अंतर्गत किया जा रहा है |

पोषण स्वराज अभियान की शुरुआत विश्व अदिवासी दिवस, 9 अगस्त को हुई थी जिसमे जिले के पांच ब्लॉक (कुशलगढ़, सज्जनगढ़, आनंदपुरी, गंगाड़तालाई और घाटोल) के 750 गाँव में 0 से 5 वर्ष के सभी बालकों को कुपोषण से दूर करने के लिए और जिले की मूल समस्या कुपोषण को समाप्त करने के लिए केंद्रों पर वागधरा, वाग्धारा मार्गदर्शित जनजातिय स्वराज संगठन एवं आंगनवाड़ी के समस्त कार्यकर्ताओं के द्वारा कार्यक्रम की शुभारंभ में की बच्चो स्क्रीनिंग की गई | स्क्रीनिंग के दोरान आंगनवाड़ी स्तर पर 67720 बच्चो का वजन, लम्बाई, और भुजा का माप लिया गया| इसमें आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, वाग्धारा संस्था, जनजातिय स्वराज संगठन सदस्य , संगठन जे जुड़े युवा स्वराज मित्र, संगठन के सहजकर्तायो ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया| सभी के मिले-जुले योगदान से इन बच्चो की स्क्रीनिंग को चार दिवस में पूरा किया गया | स्क्रीनिंग के उपरान्त चिन्हित कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चो एवं उनकी मातायों के साथ पोषण शिविर कार्यक्रम आज गांवों में चालू किया गया| इन शिविरों में समस्त बालक-बालिका जो कुपोषित की श्रेणी में आ रही थी उनको आंगनवाड़ी में लाकर पोषाहार जिसमे रागी(माल) के लड्डू वहीं पर खिलाया गया| इसी के साथ मातायों को बाल स्वस्थ और विकास से जुडी जानकारी पर जागरूक किया गया | शिविर के पहले दिन, मातायों को हाथो को धोने और परिवार के स्तर पर साफ़-सफाई रखने की जानकारी की गई | इसी में वागड़ रेडियो 90.8 द्वारा प्रसारित रागी के लड्डू बनाने की विधि भी V-Support एप्लीकेशन के माध्यम से स्थानीय भाषा में मातायों को सुनाई गई|

जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिन्हा ने बताया कि हमने हमारा जो लक्ष्य था कि जिले को किस तरह से कुपोषण से दूर किया जाए एवं जन्म के समय जो कमी बालक के स्वास्थ्य में रह गई थी उसको किस प्रकार से पूरा किया जाए जिसके लिए हमारे प्रयास स्वास्थ्य पोषण अभियान का शुभारंभ आज किया गया है जिसमें आंगनवाड़ी केंद्रों पर 15 दिनों तक लगातार अलग-अलग प्रकार के आहार की व्यवस्था की गई है जो सभी कुपोषित बालकों को तय मापदंड के अनुसार देनी है| इस कार्यक्रम के पूरे होने और उसके बाद ही बालकों के स्वास्थ्य पर पूरी नजर रहेगी|

वाग्धारा संस्था के सचिव जयेश जोशी ने बताया की पोषण स्वराज अभियान की नीव आदिवासी जीवन और संस्कृति में है | उन्होंने कहा की आदिवासी जीवन खेती से जुड़ा है और पोषण सम्बन्धी घरेलु अवशाकता को खेती से निकले उत्पाद से पूरा किया जा सकता है | इसी लिए 15 दिवस में जो खाद्य सामग्री बच्चो को उपलब्ध करवाई जाएगी वो यहाँ की आदिवासी समाज के स्थानीय खेती के उत्पाद से निकली है | इसको करने के मुख्या फायदे यह है की अभियान समाप्त होने के बाद भी पोषण सम्बन्धी जरूरतों के लिए आदिवासी परिवार को बाहरी मदद पर निर्भर न रहना पड़े और आगे आने वाले समय में पारंपरिक आदिवासी खेती को मजबूत करने के लिए सकारात्मक कदम उठाये जाये|

बाल कार्यक्रम के प्रभारी माजिद खान के द्वारा बताया गया कि बांसवाड़ा जिले को किस प्रकार से इस कुपोषण की बीमारी से दूर किया जाए ताकि आने वाली पीढ़ी को इस समस्या से जूझना ना पड़े उसमे जिला प्रशासन के निर्देश के अनुरूप हमको कार्य दिए गए थे वह हमारे सभी कार्यकर्ताओं एवं आंगनवाडी के कार्यकर्ताओं के द्वारा समय पर पूरा किया गया जिससे यह पोषण शिविर को आज चालू किया गया | कार्य आज सुचारू रूप से शुरू हो गया है हमारी वागधरा की टीम भी इसमें तन मन धन से लगी हुई है एवं सभी संस्थान के कार्यकर्ता इस कार्य के समय-समय पर रिपोर्ट ले रहे हैं| जिस प्रकार से हमारे विभाग द्वारा के कार्यकर्ता एवं आंगनवाड़ी के कार्यकर्ताओं के द्वारा पहुंच बनाकर इस कार्यक्रम को आज की शुरुआत की है इसके लिए हम सभी को शुभकामनाएं देते हैं किस 15 दिन से कार्यक्रम को पूर्णतया अच्छे से पूर्ण करना है ताकि हम कार्यक्रम को सफल बना सके, जयेश जोशी के द्वारा बताया गया कि 15 दिवसीय कार्यक्रम में सत्ता के कार्मिकों के द्वारा पर आंगनवाड़ी के केंद्रों पर जो सामग्री पहुंचाई जानी है वह सभी पहुंचाई जा रही है एवं उसी के मापदंड के अनुसार उनको पोषाहार देना है इस बात का सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बहने ध्यान में रखें समय की समेकित बाल विकास सेवाएं बांसवाड़ा के उपनिदेशक मंजू परमार के द्वारा बताया कि जिला प्रशासन एवं भागवत सप्ताह के द्वारा आंगनबाड़ियों के लिए जो योग किया गया कार्य बहुत ही सराहनीय कार्य है इसमें बहुत ही अच्छे से बालकों के विकास होगा एवं हमें भी कुपोषण से लड़ने में बहुत ही अच्छी मदद मिलेगी|