Child protection is possible only through consolidated efforts

बाल श्रम मुक्त बांसवाड़ा महाभियान
July 23, 2019
District level dialogue meeting on the topic of child protection
August 8, 2019

समेकित प्रयासों से ही बाल संरक्षण सम्भव

आज दिनांक 30 जुलाई को बांसवाड़ा पंचायत समिति के गुरू गोविंद विश्वविधालय के सभागार मे सीआरसी परियोजना के तहत् वाग्धारा सस्थां, चाइल्ड लाइन 1098 एंव सेव द चिल्ड्रन के तत्वाधान में समेकित बाल संरक्षण योजना और बाल अधिकारो पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इसमें प्रमुख रूप से 38 ग्राम पंचायतो के सरपंच एंव ग्राम विकास अधिकारीयों ने भाग लिया, इसके साथ प्रधान दुदालाल मईड़ा, ब्लाॅक विकास अधिकारी दलीप सिंह और जिला बाल कल्याण समिति के सदस्य मधुसुदन जी व्यास, संस्थान की ओर से कार्यक्रम प्रभारी माजिद खान एंव कार्यक्रम अधिकारी मुकेश सिंघल तथा चाइल्ड़ लाइन से टीम सदस्य शोभा देवी ने भाग लिया। प्रशिक्षण के मुख्य मुद्दे बालको से संबधित थे जिसमें मुख्यतः बालश्रम, बाल पलायन, बाल विवाह एंव बच्चों को गढ़रिये के पास रखना और पंचायत स्तर पर बाल संरक्षण समिति इन मुददो पर किस प्रकार से कार्य करेगी उस पर मुख्य रूप से चर्चा की गयी। चर्चा के दौरान समेकित बाल संरक्षण योजना के बारे में बताते हुए प्रकाश डाला कि आई.सी.पी.एस एक बडे स्तर पर बच्चो के सरंक्षण़, अधिकार एंव उनसे जुड़ी योजनाओं को समन्वित करती है और उनके अधिकारों का वर्गीकरण करती है, इसलिए हम सबको मिलकर समेकित प्रयास करने होगें ताकी बाल संरक्षण को सुनिश्चित किया जा सके। बाल कल्याण समिति के मधुसुदन जी ने बच्चों के अधिकारो को प्रभावी रूप से ग्रामस्तर पर सुनिश्चित करने और जिस प्रकार से बच्चों से जुड़ी हुई वर्तमान में जो घटनाएं हो रही है जैसे - नवजात शिशु को जन्म के बाद फेंक देना और उन्हें गढ़रिये केा बेच देना। उसको जोर देकर बताया कि बच्चो के सुखद भविष्य के लिए सर्वप्रथम माता पिता और समुदाय की मुख्य भूमिका रहती हैं इस पर समुदाय ने अपने दायित्व को समझते हुए इस कार्य को आगे बढ़ाने के लिए जिम्मेदारी ली और ग्राम स्तर पर जरूरतमंद बच्चों को बाल कल्याण समिति से जोड़ने और चाइल्ड़ लाइन 1098 का प्रयोग करने का जिम्मा लिया। इसी क्रम में ब्लाॅक विकास अधिकारी ने कहा की बच्चों से जुड़ी हुई कुरीतियों से लड़ने के लिये सभी को एक साथ मिलकर प्रयास करना होगा ।
पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति में किस प्रकार संरपच अपनी सक्रिय भूमिकाएं निभाएं और गांव स्तर पर वो स्वंय को किस प्रकार सक्रिय कर अपनी प्रभावी भूमिका निभा सकते है उस पर चर्चा की गई। इसके साथ ही बच्चों से जुड़ी हुई सामाजिक योजनाओं पर भी प्रकाश डाला गया। पंचायत समिति प्रधान दुदालाल मईड़ा ने वाग्धारा संस्थान को धन्यवाद देते हुये कहा कि बच्चों से जु़ड़े हुये मुददो को उठाने एवं इनके निवारण के लिये जो इनके प्रयास है वो सराहनीय है।
सीआरसी परियोजना के तहत जिले की सभी 11 पंचायत समितियों मे इस प्रशिक्षण का आयोजन किया गया जिसमें कुल 789 संरपच एंव ग्राम विकास अधिकारीयों सहित ब्लाॅक स्तरीय बाल संरक्षण समिति के सदस्यों को बाल संरक्षण सम्बन्धी मुददों पर प्रशिक्षण दिया गया। अंत में सभी प्रतिभागियों ने अपने गांव और पंचायत को बाल मित्र बनाने के लिये प्रतिज्ञा ली।

 

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