राष्ट्रिय बालिका दिवस हर वर्ष देशभर में 24 जनवरी को मनाया जाता है| इस दिन का उद्देश्य लैंगिक समानता को बढ़ावा देना और लड़कियों के खिलाफ भेदभाव करने वाली लैंगिक रूढ़िवादिता को चुनौती देना है एवं लड़कियों को उनकी पूरी क्षमता तक पहुंचने के लिए शिक्षा, कौशल और अवसरों के साथ सशक्त बनाने पर जोर देना, बालिकाओ के अधिकारों की सजगता बढ़ाना और समाज का उनके प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण में जागरूकता लाना है। इस संदेश को पहुंचाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों, गतिविधियों और जागरूकता अभियानों का आयोजन किया जाता है| हमारे आदिवासी क्षेत्र की बालिकाओं में अपने अधिकारों को लेकर जागरूकता की कमी होती है, जिसके कारण वे अपने अधिकारों से वंचित रह जाती है| बालिकाओ के अधिकार मानवीय समाज के लिए अनिवार्य है| आदिवासी समुदाय की बालिकाओ के लिए उन्हें सुरक्षित रखना, उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण की देखभाल करना अनिवार्य है।
इसी कड़ी में वाग्धारा संस्था प्रत्येक वर्ष अपने कार्यक्षेत्र में समुदाय स्तर के संगठनों के साथ मिलकर राष्ट्रिय बालिका दिवस के माध्यम से इस महत्वपूर्ण विषय पर सामाजिक संवाद को बढ़ावा देते हुए समुदाय और विभिन्न हितधारकों को बालिकाओ के समान अधिकारों के प्रति जागरूकता के लिए प्रेरित करती हैं ताकि आदिवासी समुदाय में कई बालिकाए जो अपने अधिकारों से वंचित व कई प्रकार की समस्याओं से पीड़ित होती है जैसे: शिक्षा में असमानता, बचपन में श्रमिकता, बाल विवाह कुप्रथा और बाल श्रम, उक्त समस्याओं का स्थानीय समाधान एवं उनके अधिकारों को सुनिश्चित करने व गाँवो में बाल मित्र वातावरण निर्माण करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सके।
संस्था के शिक्षा एवं विकास स्वराज विशेषज्ञ मांगीलाल प्रजापत ने बताया की इस वर्ष भी राष्ट्रिय बालिका दिवस के अवसर पर वाग्धारा संस्था एवं स्थानीय संगठनों के सामूहिक प्रयासों से राजस्थान,मध्यप्रदेश एवं गुजरात के 1041 गांवों में राष्ट्रिय बालिका दिवस का आयोजन किया गया | जिसमें विभिन्न प्रकार की बाल संवेदी गतिविधियाँ जो की बालिकाओं पर केन्द्रित थी उनको संचालित की गयी I जिसमें बाल स्वराज समूह सदस्य, ग्राम स्वराज समूह सदस्य, सक्षम समूह सदस्य, कृषि एवं आदिवासी स्वराज संगठन सदस्य, अभिभावक एवं अन्य हितधारकों सहित 50000 से ज्यादा बालिकाओ एवं लोगों की भागीदारी रही। कार्यक्रम के दौरान बालिकाओ के अधिकारो पर बालिकाओ को जागरूक किया गया, स्थानीय स्तर पर पोषण एवं स्वास्थ्य जैसी समस्याओ को सामुदायिक प्रयासों से कैसे हल किया जा सकता है, इसके बारे में ग्राम स्वराज समूह के सदस्यों ने बताया की बालिकाओ के अधिकारों के साथ उनके स्वास्थ्य एवं पोषण के लिए घर घर पोषण बाड़ी लगाई जाये ताकि बालिकाओ को पोष्टिक फल और सब्जियां मिल सके, जिससे बालिकाओ के स्वास्थ्य व् पोषण को बेहतर बनाया जा सकता है| इसके साथ ही परिवार की बालिकाओ के प्रति जिम्मेदारियों एवं आंगनबाड़ी स्तर पर बालिकाओ के विकास से संबधित गतिविधियों से अभिभावकों को अवगत करवाया गया ताकि घर पर भी बालिकाओ के विकास पर ध्यान दिया जा सके| इसके साथ घर परिवार में बालिकाओ की भागीदारी का ध्यान रखे ताकि शुरू से ही उनको एक मंच प्रदान हो जिससे वे अपने बोलने,आत्मविश्वास, खुल कर अपनी बात रखने जैसे कौशलो को ग्रहण कर पाए । गाँव स्तर पर बालिकाओ के अधिकारों को लेकर जागरूकता रैलीयां भी निकाली गयी एवं बाल स्वराज समूह के बच्चों ने भी अनेक प्रकार की गतिविधियों में भागीदारी निभाई, जिसमे स्थानीय (वागड़) की कविताए, खेल, संगीत, बालिकाओ से जुडी सरकारी योजनाओ पर विस्तार पूर्वक संवाद किया गया | इसके साथ ही कार्यक्रम के दौरान बालिकाओ द्वारा ग्राम स्तर एवं स्कूल स्तर की समस्याओ को लेकर आपस में और ग्राम स्वराज समूह एवं सक्षम समूह के सदस्यों के साथ संवाद किया | जिसमें मुख्यतः निकल कर आया की स्कूल स्तर पर बालिकाओ के लिए प्रथक प्रथक शौचालय नही होना, जहाँ शौचालय है वे उपयोग लायक नही है एवं शौचालय में पानी की व्यवस्था नही होने के कारण सफाई नही होना | जिसके कारण बड़ी उम्र की बालिकाओ की उपस्तिथि कम रहने एवं ड्रापआउट जैसे समस्या पनपने लगती है| स्कूल में पर्याप्त शिक्षको का नही होना, जिसके कारण बच्चे प्राइवेट विद्यालयों की तरफ रूख करने लगते है | खेल मैदान का नही होना एवं खेल मैदान जहाँ है वहा पर चार दिवारी का नही होना, स्कूल में शुद्ध पेयजल की व्यवस्ता नही होना, पिने के पानी में अत्यधिक फ्लोराइड की मात्रा पाई जाती है, जिसके कारण अनेक प्रकार की बीमारियाँ होती है | इसके साथ ही बाल विवाह, बाल श्रम जैसी कुप्रथाओ को रोकने के लिए ग्राम स्वराज समूह एवं बाल स्वराज समूह के सदस्यों ने शपथ ली, ताकि ग्राम स्तर पर बाल मित्र वातावरण निर्माण की पहल की जा सके | इन सभी मुद्दों पर चर्चा के बाद ग्राम स्वराज समूह एवं सक्षम समूह के सदस्यों के साथ मिलकर बालिकाओ से जुड़े मुद्दों को लेकर ग्राम एवं पंचायत स्तर पर सम्भावित समाधानों पर संवाद किया गया|
संस्था के माजिद खान ने बताया की इस प्रकार के आयोजन से हमें बालिकाओ की समस्याओं को समझना और स्थायी समाधानों की दिशा में कदम बढ़ाने में सहयोग मिलेगा। इसके साथ ही हमें बालिकाओ की प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करना होगा ताकि उन्हें सुरक्षित और स्वस्थ जीवन मिल सके, उनकी शिक्षा को प्रोत्साहित करना होगा ताकि समाज में उनको बराबरी का महत्वपूर्ण स्थान मिल सके|
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