Our Heritage Our Swaraj, first right of the community

Virasat Swaraj Yatra Begins from Vagad
October 2, 2021
Our Heritage Our Swaraj, grand event at Mangarh Dham
October 20, 2021
Virasat Swaraj Yatra Begins from Vagad
October 2, 2021
Our Heritage Our Swaraj, grand event at Mangarh Dham
October 20, 2021

हमारी विरासत हमारा स्वराज, ये हमारे समुदाय का है पहला अधिकार - विरासत स्वराज यात्रा

वाग्धारा एंव जनजातीय स्वराज संगठन के माध्यम से विरासत स्वराज यात्रा का शुभारम्भ लेम्बाता पंचायत ब्लाक साबला से किया गया I ये यात्रा गाँधी जयंती के सुभ अवसर पर कुपडा, बांसवाडा से शुरू हई थी। इस यात्रा के कार्यक्रम में साबला ब्लाक के 30  गाँवो के किसानो ने इस कार्यक्रम में भाग लिया इस विरासत यात्रा का उद्देश्य है कि जल, परम्परागत बीज, मिट्टी, खाद्य व पोषण, वन के सरंक्षण को लेकर अधिकाधिक लोगों को जागरूक किया गया वाग्धारा संस्थान के माध्यम तीन चरणों की यह यात्रा साबला से आज शुरू की गयी ये यात्रा राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश के छ: जिलो में जाएगी, इसके बाद सेवाग्राम से देश और विदेश तक पहुचेगी

इस यात्रा के माध्यम से जनजाति क्षेत्र के लोग जल-जंगल और जमीन से जुड़े हुए है उनको जागरूक करते हुए समुदाय में ये संदेश पहुचाया गया की किस प्रकार से जो हमारी विरासत है जिसमे जल, जंगल, बीज, मिट्टी और जल को लेकर समुदाय में इनको सजोते रखना एंव इसको बचाने के लेकर समुदाय के साथ संवाद किया गया कार्यकम के प्रारंभ में पहले रथ के माध्यम से गाँव-गाँव में पहले लोगो के विरासत यात्रा का संदेश पहुचाया गया, जिससे लोगों में एक उर्जा का संचार हुआ और लोग विधालय प्रांगण में आये लोगों के आने दे बाद उन्हें यात्रा का उद्धेश्य बताते हुए उनके साथ संवाद किया गयाकार्यक्रम में बीज स्वराज, मिटटी स्वराज, जल स्वराज, वन स्वराज, खाद्य एंव पोषण और वैचारिक स्वराज को लेकर समुदाय के साथ संवाद किया गया

कार्यक्रम में जनजातीय स्वराज संगठन के अध्यक्ष गंगाराम के द्वारा ये बताया गया की बीज आदिवासी समुदाय के जीवन का आधार है, वर्तमान में आदिवासी परिवार बीजो को लेकर बाजार पर निर्भर है पहले हमारे पूर्वज बीजो को संजोकर रखते थे, जिससे आपसी सहयोग से खेती में अपनी भूमिका निभाते हुए एक दुसरे का सहयोग करते थे परन्तु अभी वे पूर्णतया बाजार पर निर्भर हो गये है, जो हमारे समाज के लिए उचित नही है इसी क्रम में जल स्वराज को लेकर कार्यक्रम प्रबन्धक रविंदर रखवाल जी के द्वारा ये बताया गया कि  जल स्त्रोत हमारे जीवन का आधार है उनकी सुरक्षा, उनके सरंक्षण को लेकर हमे कार्य करना होगा बिना जल के हमारा जीवन, खेती, पशु आदि के बारे में विचार करना असम्भव है

खाद्य स्वराज, एंव पोषण को लेकर जनजातीय स्वराज संगठन सहयोग इकाई प्रबन्धक हेमंत के द्वारा बताया गया की हमारे जो पुराने बीज थे वो हमारी संस्क्रति थी जो आज लुप्त होती जा रही है, जिनके कारन आज हमारा परिवार/समुदाय बीमारियों से घिर गया है पहले समुदाय परिवार स्तर पर मजबूत रहता था परन्तु बदलते खान-पान से जीवन में काफी बदलाव आये है कार्यक्रम की अगली कड़ी में क्षेत्रीय सहजकर्ता मुकेश सिंघल के द्वारा ये बताया गया की हमारे समुदाय में एक दुसरे के विचारो को सम्मान देना हमारी संस्क्रति का एक आदर्श था परन्तु अभी हमारे बीच में छोटी छोटी बातो को लेकर मतभेद हो जाते है गाँव विकास को लेकर सामुदायिक भागीदारी का बड़ा महत्व रहा है, जो आज आधुनिकता की धुंध में कही गुम सा हो गया जिसके लिए हमे विचार करना चाहिए

कार्यक्रम में अपनी भागीदारी निभाते हुए भगवान दास रोत ग्राम सागोट उन्होंने बताया की बीज स्वराज को लेकर उन्होंने व्यक्तिगत स्तर पर बीजो का भंडारण किया है उन्होंने स्वंय को बीजो के संजोये रखने में खुद को लेकर जागरूक किया और बीजो को उपचारित भी किया जिससे वे कभी भी बीजो को लेकर बाजार पर निर्भरता नही रखी इसी क्रम में होमली देवी ग्राम लेम्बाता उन्होंने बताया की उन्होंने अपने घर में पोषण वाटिका का निर्माण किया है जिससे उनको घर मे ही शुद्ध एंव ताजा सब्जिया मिल जाती है एंव इसके साथ ही उनके द्वारा कोरोना जेसी महामारी में भी उनके द्वारा अन्य ग्रामीणों को भी दिए गये जिस समय बाजार बंद थे उनके इस प्रयास को उन्होंने सभी के सामने रखा और अन्य लोगों को भी प्रेरित किया

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से नथमल जी, बिरजी बरगोट, धुलेश्वर जी, लक्ष्मी, रजनी, रूपी देवी, काली बुज, राधा आदि ने अपनी प्रमुख भूमिका निभाई कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद मोतीलाल जी के द्वारा ज्ञापित किया गया

Subscribe to our newsletter!

Aaqib Ahmad

IT Support & Development

Aaqib holds a Master of Computer Applications (MCA) from Jawaharlal Nehru Technological University, Hyderabad. With experience in data analysis, website development, and market research, he transitioned to the development sector seeking purpose-driven work and new challenges.
Working at Vaagdhara has transformed not just my career but my outlook on life. I came here as an IT professional, but I have grown into someone who understands the pulse of rural and tribal communities.