World Day Against Child Labour Webinar

Vaagdhara Community COVID-19 Response
April 9, 2020
Side Event of the United Nations by VAAGDHARA
July 14, 2020
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ग्राम पंचायतों में बाल संरक्षण समितियों द्वारा समुदाय स्तर पर बच्चों की तमाम जानकारी एकत्रित कर बाल निगरानी (child tracking) प्रणाली जैसी निवारक रणनीति के माध्यम से बच्चों को बाल श्रम से बचाया जाना चाहिए। यह बात राजस्थान राज्य बाल संरक्षण आयोग के पूर्व सदस्य श्री गोविंद बेनीवाल ने एक वेबिनार को संबोधित करते हुए कही। उन्होने कहा राजस्थान में आज भी लाखों बच्चे बाल श्रम में लिप्त हैं, जिन्हें इससे मुक्ति दिलाने की आवश्यकता है । वाग्धारा संस्था द्वारा "अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस" पर आयोजित विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित एक गोष्ठी में मुख्य वक्ता के तौर पर उन्होने कहा कि सामाजिक मान्यताओं के चलते बाल श्रम तथा बाल विवाह, कानून बनने के बाद भी नहीं रोके जा सके हैं। उन्होने आशंका जताई कि कोरोना काल में पलायन कर घर वापस आए मज़दूरों को यदि पूरी मदद नहीं दी गई और उनका पुनर्वास नहीं किया गया तो बाल श्रम की गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है ।
सरकारी स्कूलों में पढ़ाई नहीं होने से बच्चे बाल श्रम की ओर धकेले जा सकते हैं, परिजनों को रोज़गार नहीं मिलने से बच्चों को काम पर लगाया जा सकता है। दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए बच्चे इस कुचक्र में फंस सकते हैं जो एक बहुत बड़ा जोखिम साबित हो सकता है ।
इस अवसर पर बोलते हुए "सेव द चिल्ड्रन" के ओम प्रकाश आर्य ने कहा कि बाल श्रम आज भी हमारे समाज में आर्थिक परिस्थिति के कारण नहीं बल्कि सामाजिक स्वीकार्यता होने के कारण है, इसको रोकने के लिए परिवार स्तर व समुदाय स्तर पर सामूहिक प्रयासों की जरूरत है, साथ ही उन्होंने बताया कि सरकारी अधिकारियों में बालश्रम के क़ानूनों की जानकारी का अभाव तथा संबन्धित विभागों में रिक्त पद भी पलायन और बालश्रम का अन्य प्रमुख कारण है । सरकारी प्रतिनिधियों का प्रत्येक स्थान पर ना पहुँच पाना भी इस समस्या का प्रमुख कारण है । यद्यपि केंद्र तथा राज्य सरकारों ने बालश्रम की रोकथाम के लिए कई नियम तथा कानून बनाए हैं फिर भी अभी इस समस्या के समाधान हेतु बहुत कुछ किया जाना शेष है ।
वेबिनार में समुदाय आधारित संगठनों जैसे ग्राम विकास एवं बाल अधिकार समिति व ग्राम पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति से जुड़े लोगों ने अपने विचार साझा करते हुए उनके द्वारा बाल श्रम को रोकने हेतु उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी। बाल अधिकारिता विभाग, बांसवाड़ा के उप-निदेशक अशीन शर्मा ने बाल-श्रम रोकने में चाइल्ड –लाइन के प्रयासों की सराहना करते हुए, इस हेतु भविष्य में किसी भी प्रकार की मदद में अपना पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया।
वाग्धारा के सचिव जयेश जोशी का कहना है कि “सरकार कोरोना महामारी की वजह से उत्पन्न परिस्थितियों में बालश्रम की गंभीर समस्या को संवेदनशील नज़रिये से देखे और समझे तथा समुदाय स्तर पर जनसहभागिता से सभी संबन्धित विभागों में समनव्य स्थापित कर अधिकारियों का समय-समय पर उन्मुखीकरण कर बालश्रम नियंत्रण क़ानूनों की अनुपालना सुनिश्चित करे".

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Aaqib Ahmad

IT Support & Development

Aaqib holds a Master of Computer Applications (MCA) from Jawaharlal Nehru Technological University, Hyderabad. With experience in data analysis, website development, and market research, he transitioned to the development sector seeking purpose-driven work and new challenges.
Working at Vaagdhara has transformed not just my career but my outlook on life. I came here as an IT professional, but I have grown into someone who understands the pulse of rural and tribal communities.