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"सच्चे बचपन की मुस्कान, बालश्रम पर पूर्ण विराम"

बालश्रम निषेध दिवस हर वर्ष विश्वभर में मनाया जाता है | इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों में बालश्रम के प्रति सजगता बढ़ाना है और समाज का उनके प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण में जागरूकता लाना है । इस संदेश को पहुंचाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों, गतिविधियों और जागरूकता अभियानों का आयोजन किया जाता है ।

हमारे आदिवासी क्षेत्र के बच्चों में अपने अधिकारों को लेकर जागरूकता की कमी होती है, जिसके कारण वे बालश्रम जैसी समस्या एवं उससे उत्पन कुप्रभावओ को समझने से वंचित रह जाते है |  बच्चों के अधिकार एवं उनकी सुरक्षा मानवीय समाज के लिए अनिवार्य है | आदिवासी समुदाय के बच्चों के लिए सुरक्षित वातावरण तैयार करना एवं उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण की देखभाल करना अनिवार्य है ।

इसी कड़ी में वाग्धारा संस्था प्रत्येक वर्ष अपने कार्यक्षेत्र में बालश्रम निषेध दिवस के अवसर पर इस महत्वपूर्ण विषय पर सामाजिक संवाद को बढ़ावा देते हुए समुदाय और विभिन्न हितधारकों को बच्चों के समान अधिकारों के प्रति जागरूकता के लिए प्रेरित करते हैं ताकि आदिवासी समुदाय के कई बच्चे जो अपने अधिकारों से वंचित एवं कई प्रकार की समस्याओं से पीड़ित होते है जैसे : शिक्षा में असमानता, बचपन में श्रमिकता, बाल विवाह कुप्रथा और बाल श्रम का सामना करना पड़ रहा है ,उक्त समस्याओं से निपटने एवं बाल अधिकारों को सुनिश्चित करने व गाँवो में बाल मित्र वातावरण निर्माण करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते है ।

इस वर्ष के विषय “आइए अपनी प्रतिबद्धताओ पर कार्य करे: बालश्रम को समाप्त करे” को ध्यान में रखते हुए, वाग्धारा संस्था द्वारा राजस्थान,मध्यप्रदेश एवं गुजरात राज्य के 1168  गाँवो में बालश्रम निषेध दिवस का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न प्रकार की बाल संवेदी गतिविधियाँ संचालित की गयी I जिसमें बाल स्वराज समूह सदस्य, ग्राम स्वराज समूह सदस्य, सक्षम समूह सदस्य, कृषि एवं आदिवासी स्वराज संगठन सदस्य, अभिभावक एवं अन्य हितधारकों सहित लगभग 80 हजार से ज्यादा लोगों ने सहभागिता निभाई I कार्यक्रम के दौरान बच्चों द्वारा बालश्रम करवाए जाने से उनके शारीरिक, मानसिक दुष्परिणामो एवं अधिकारो पर बच्चों को जागरूक किया गया, स्थानीय स्तर पर बालश्रम, पोषण एवं स्वास्थ्य जैसी समस्याओ को सामुदायिक प्रयासों से कैसे हल किया जा सकता है,  इसके बारे में ग्राम स्वराज समूह के सदस्यों ने बताया की बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है, हमें ऐसी समस्याओ के समाधान के लिए समुदाय स्तर पर जागरूकता एवं निर्णय लेना होगा ताकि बच्चों का बचपन सुरक्षित हो सके | इसके साथ बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण के लिए घर घर पोषण बाड़ी लगाई जाये, ताकि बच्चों को पोष्टिक फल और  सब्जियां मिल सके, जिससे बच्चो के स्वास्थ्य व् पोषण को बेहतर बनाया जा सकता है | इसके साथ ही परिवार की बच्चों के प्रति जिम्मेदारियों एवं आंगनबाड़ी स्तर पर बच्चों के विकास से संबधित गतिविधियों से अभिभावकों को अवगत करवाया गया ताकि घर पर भी बच्चों के विकास पर ध्यान दिया जा सके | इसके साथ घर परिवार में बच्चों की भागीदारी का ध्यान रखे ताकि शुरू से ही उनको एक मंच प्रदान हो जिससे वे अपने बोलने,आत्मविश्वास, खुल कर अपनी बात रखने जैसे कौशलो को ग्रहण कर पाए ।

गाँव स्तर पर बालश्रम के विरोध एवं रोकथाम  को लेकर जागरूकता रैलीयां भी निकाली गयी और बाल स्वराज समूह के बच्चों ने भी अनेक प्रकार की गतिविधियों में भागीदारी निभाई, जिसमे बालश्रम के दुष्परिणामो एवं रोकथाम पर नाटक प्रस्तुत किये, स्थानीय (वागड़) की कविताए, खेल, संगीत, सरकारी योजनाओ पर विस्तार पूर्वक संवाद किया गया | इसके साथ ही बैठक के दौरान बच्चों द्वारा ग्राम स्तर एवं स्कूल स्तर की समस्याओ को लेकर आपस में और ग्राम स्वराज समूह एवं सक्षम समूह के  सदस्यों के साथ संवाद किया | जिसमें मुख्यतः निकल कर आया की समुदाय में कुछ परिवार बालश्रम में लिप्त है जिससे बच्चों की पढाई एवं विकास वाधित हो रहा है | इसके साथ स्कूल स्तर पर बालक बालिकाओ के लिए पृथक-पृथक शौचालय नही होना, जहाँ शौचालय है वे उपयोग लायक नही है एवं शौचालय में पानी की व्यवस्था नही होने के कारण सफाई नही होना, जिसके कारण बड़ी उम्र की बालिकाओ की उपस्तिथि कम रहने एवं ड्रापआउट जैसे समस्या पनपने लगती है तथा ड्रॉपआउट के कारण बालश्रम जैसी समस्या पैदा होने लगती है एवं स्थानीय विद्यालयों में पर्याप्त शिक्षको का नही होना, जिसके कारण बच्चे प्राइवेट विद्यालयों की तरफ रूख करने लगते है | खेल मैदान का नही होना एवं खेल मैदान जहाँ है वहां पर चार दिवारी का नही होना, स्कूल में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नही होना, पीने के पानी में अत्यधिक फ्लोराइड की मात्रा पाई जाती है, जिसके कारण अनेक प्रकार की बीमारियाँ होती है | इन सभी विषयों पर गहनता के बाद बाल विवाह, बाल श्रम जैसी कुप्रथाओ को रोकने के लिए ग्राम स्वराज समूह एवं बाल स्वराज समूह के सदस्यों ने शपथ ली, ताकि ग्राम स्तर पर बाल मित्र वातावरण निर्माण की पहल की जा सके | इन सभी मुद्दों पर चर्चा के बाद ग्राम स्वराज समूह एवं सक्षम समूह के सदस्यों के साथ मिलकर इन मुद्दों को लेकर एक आग्रह पत्र तैयार किया गया और आग्रह पत्र पर सभी से राय ली गई | जिसमे सभी मुद्दो का गाँव स्तर, पंचायत स्तर, पंचायत समिति एवं जिलास्तर के हिसाब से वर्गीकरण कर सूचि तैयार की गई | वर्गीकरण के बाद इन मुद्दों के समाधान के लिए प्रस्ताव तैयार किये गए | प्रस्ताव को लेकर ग्राम स्वराज समूह और कृषि एवं आदिवासी स्वराज संगठन के सदस्यों को जिम्मेदारी दी गई, ताकि जल्द इनका समाधान किया जा सके |

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