“हम मजदूर हैं, हाथो के हुनर और मेहनत से करतें हैं, देश का विकास”
विश्व मजदूर दिवस के अवसर पर मजदूरों के परिश्रम और योगदान को मिला सम्मान
वागधारा और कृषि एवं आदिवासी स्वराज संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में विश्व मजदूर दिवस का आयोजन 1168 गांवों में किया गया I हर साल अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) द्वारा विश्व मजदूर दिवस की एक खास थीम चुनी जाती है। इस साल की थीम “जलवायु परिवर्तनके बीच काम की जगह पर श्रमिकों के स्वास्थय और सुरक्षा को सुनिश्चित करना” थी । इस थीम के जरिए दुनिया भर में श्रमिकों के स्वास्थय और सुरक्षा को महत्व देने पर जोर दिया जाएगा | इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य श्रमिकों या मजदूरों के अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और बेहतर कामकाजी परिस्थितियों के लिए उनके संघर्ष को उजागर करना है I देश के विकास में ऐसा कोई निर्माण नहीं है जिसमें मजदूरों के पसीने की महक न हो।
वाग्धारा के माजिद खान ने बताया कि संस्था की ओर से राजस्थान, गुजरात एवं मध्यप्रदेश राज्यों के सभी 1168 गांवों में मजदूर दिवस के उपलक्ष्य में विभिन्न संवाद कार्यक्रमों का आयोजन हुआ, जिसमें 56064 समुदाय सदस्यों ने भागीदारी निभाई, जिसमें 34199 महिलाएं व 21865 पुरुषों की उपस्थिति में कार्यक्रम आयोजित करते हुए मजदूरों को उनके अधिकारों, सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओ जैसे शुभ शक्ति योजना, निर्माण श्रमिक जीवन व भविष्य सुरक्षा योजना, निर्माण श्रमिक शिक्षा व कौशल विकास योजना, निर्माण श्रमिक सुलभ आवास योजना, निर्माण श्रमिकों के लिए गंभीर बीमारियों पर व्यय का पुनर्भरण योजना, महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान, निर्माण श्रमिक औजार योजना इत्यादि हितकारी योजनाओ के साथ मजदूरों के अधिकारों से जुड़े कानूनों की जानकारी दी गई, ताकि वह आसानी से इनका लाभ प्राप्त कर सके |
संस्था के परमेश पाटीदार ने बताया कि राजस्थान,गुजरात एवं मध्यप्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में संस्था श्रमिकों के हित में कार्य कर रही है एवं समय समय पर श्रमिकों के हितों को लेकर जिला स्तर से लेकर राज्य स्तर तक स्थानीय संगठनों के सहयोग से ज्ञापन के माध्यम से प्रशासन व सरकार को अवगत करवाया जाता रहा है। साथ ही श्रमिकों के हितों रक्षा के लिए किस प्रकार से कार्य हो उसको लेकर ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम स्वराज समूह की नियमित बैठकों , ग्राम चौपाल, रात्रि चौपाल इत्यादि के माध्यम से भी जागरूक किया जा रहा है I
संस्था सचिव जयेश जोशी द्वारा बताया गया की 2 वर्ष पूर्व जिला प्रशासन एवं वाग्धारा के सहयोग से मजदूरों के हितों के लिए प्रत्येक गांवों में श्रमिको का पंजीयन एवं श्रमिक कार्ड बनाने के लिए पंचायत स्तर पर शिवरों का आयोजन किया गया था, जिसमे 27447 वंचित श्रमिकों के श्रमिक कार्ड बनवाए गए एवं पंचायत स्तर पर संस्था की ओर से श्रमिक रजिस्टर उपलब्ध करवाएं गए, जिसमे प्रत्येक श्रमिक का पंजीयन अनिवार्य किया गया, साथ ही साल भर में वह श्रम या मजदूरी के लिए कहां कहां गया उसका डाटाबेस भी उसमे दर्ज किया गया, ताकि पंचायतवार सभी पंजियत श्रमिकों की जानकारी एक ही जगह पर आसानी से उपलब्ध हो सके I संस्था के मार्गदर्शन अनुसार समय समय पर पंचायत स्तर पर रोजगार सहायक के सहयोग से रजिस्टर को अपडेट करने का प्रयास भी किया जा रहा है I
इस अवसर पर विभिन्न कृषि एवं आदिवासी स्वराज संगठनों के पदाधिकारी जिनमें पूंजीलाल चरपोटा, राजेश कटारा, मानसिंह कटारा, बहादुर जी, कावड़ी बाई, मीरादेवी, कविता देवी आदि ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखते हुए देश के विकास में श्रमिकों के योगदान के साथ ही राज्य सरकार द्वारा श्रमिक मजदूर के कल्याणकारी योजनाओं के बारे में चर्चा की । साथ ही राज्य सरकार की ओर से चलाये जा रहे राहत एवं कौशल विकास शिविरों की जानकारी देते हुए ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभ लेने की अपील भी की।