स्वराज सन्देश संवाद पदयात्रा – 2024

Launching of the Sustainable Livelihood Programme across 250 villages in MP
November 9, 2024

प्रिय साथियों,

आज की तेज़ी से बदलती दुनिया में शहरीकरण और बुनियादी ढाँचे की बढ़ती मांग उन सभी प्राकृतिक संसाधनों का शोषण कर रही है, जिन्हें हमारे आदिवासी एवं कृषक समुदाय ने सदियों से संरक्षित किया है। इस अव्यवस्थित दोहन से स्थानीय समुदायों का आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक विकास बाधित हो रहा है। संसाधनों एवं ऊर्जा की आवश्यकताओं को लेकर वैश्विक प्रयासों के बीच जल, जंगल, वनस्पति, बीज, पर्वत, खदानें जैसे प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न आदिवासी क्षेत्रों में समुदायों की चक्रीय जीवनशैली को पुनर्जीवित करते हुए उनकी आकांक्षाओं को पूर्ण करने की दिशा में प्रयास करना महत्वपूर्ण है।

इस सन्दर्भ में वाग्धारा द्वारा दिनांक 16 से 20 नवम्बर 2024 तक स्वराज आधारित आदिवासी पारम्परिक चक्रीय जीवनशैली से जलवायु पारिस्थितिकी में कृषि, पोषण, एवं ऊर्जा संरक्षण के स्थानीय उपाय आधारित जागरूकता हेतु संवाद स्थापित करने के प्रमुख उद्देश्य से स्वराज संदेश संवाद पदयात्रा – 2024 का आयोजन किया जा रहा है। इस यात्रा के दौरान इन मुद्दों पर पर्यावरणीय संरक्षण सम्बंधित समुदाय के पारम्परिक प्रयासों के महत्व को पहचानना एवं नयी पीढ़ी के बीच उनकी जागरूकता बढ़ाने का प्रयास करना। इस दौरान यह भी चर्चा की जाएगी कि कैसे इन परम्पराओं में जीवन मूल्य और आत्मनिर्भर सोच वर्तमान समय में भी प्रासंगिक हैं, और इन्हें सहेज कर स्वराज की संकल्पना को साकार किया जा सकता है।

पदयात्रा के विशिष्ट उद्देश्य:

  1. जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में आदिवासी और किसान समुदायों के स्वराज को सतत विकास के एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में बढ़ावा देना।
  2. आदिवासी एवं कृषक समुदाय की चक्रीय-जीवन शैली के घटकों, एवं महत्व पर चर्चा, उसके विघटन के कारकों को जानना एवं पुनः अपनाने के बारे में चर्चा।
  3. गाँव एवं परिवार स्तर पर उर्जा के विभिन्न स्त्रोतों, प्रकारों, एवं उनसे जुड़े जलवायु-परिवर्तन सम्बन्ध पर समझ बनाना।
  4. स्थानीय स्तर पर उर्जा दक्षता की अवधारणा, वर्तमान स्थिति और सुधार के लिए सौर-उर्जा और बायोगैस के अन्य लाभों पर चर्चा एवं प्रसारण को प्रभावी बनाने के चरण।
  5. पुनर्जीवी कृषि में उद्यमिता के माध्यम से टिकाऊ आजीविका पर चर्चा एवं चरण तय करना।

यात्रा के दौरान विभिन्न आयोजन

  1. आदिवासी समुदाय की समृद्ध परंपराओं, रीति-रिवाजों, सांस्कृतिक धरोहर, क्षेत्रीय प्राकृतिक संसाधनों के महत्त्व पर संवाद करना और इनको सहेजने व संरक्षित रखने के सन्देश को जन-जन तक संचार करना।
  2. समुदाय के साथ ऊर्जा के विभिन्न स्त्रोत, सतत कृषि-पर्यावरणीय दृष्टिकोण और चक्रीय जीवनशैली से जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के स्थानीय समाधान पर विचार विमर्श कर आगे की रणनीति तैयार करना।
  3. जीवन मूल्य, स्वराज की विचारधारा, और इसकी वर्तमान परिप्रेक्ष्य में प्रासंगिकता को समुदाय के सदस्यों के साथ मिलकर चर्चा करना।
  4. प्रकृति के साथ सामंजस्य और सामूहिक सहयोग की प्रेरणा हेतु स्वैच्छिक एवं सांकेतिक योगदान (खेत से एक मुठ्ठी मिट्टी, एक मुठ्ठी अनाज और एक सिक्का) करना।
  5. यात्रा के दौरान औषधीय पौधे एवं अन्य जैव-विविधता की पहचान करना।
  6. रात्रि विश्राम के दौरान संवाद एवं सांस्कृतिक आयोजन।

यात्रा का मार्ग:

यह स्वराज संदेश संवाद पदयात्रा दिनांक 16 नवम्बर 2024 से राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात राज्य के चार अलग-अलग क्षेत्रों में एक साथ प्रारम्भ होकर 200 से अधिक गांवों से होते हुए अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचेगी, जिसमें महिला - पुरुष कि बराबर भागीदारी के साथ 400 से अधिक स्वराजी इस पदयात्रा का नेतृत्व करते हुए स्वराज के विचारों को गहराई से स्थापित करने का प्रयास करेंगे। गाँवों में समुदाय को जोड़ने के लिए कृषि एवं आदिवासी स्वराज संगठन, माही महिला किसान मंच, ग्राम स्वराज संगठन के सदस्यों की मुख्य भूमिका रहेगी।

स्वराज की संकल्पना को मूर्तरूप देने के क्रम में आयोजित इस वर्ष की यात्रा के अंतिम चरण में कृषि एवं आदिवासी स्वराज समागम का आयोजन किया जायेगा, जिसमें यात्रा के दौरान आयोजित संवाद एवं चर्चाओं के परिणाम एवं अनुभवों को समस्त स्वराज संगठनों के सदस्यों, समुदाय एवं विभिन्न हितधारकों के साथ भविष्य की रणनीति बनाने के लिए साझा किया जायेगा।

आपसे आग्रह है कि स्वराज कि संकल्पना को साकार करने के लिए आयोजित इस स्वराज सन्देश संवाद पदयात्रा में अपनी भागीदारी निभाकर समाज के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन करें।

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