वागधरा परिसर कुपड़ा में कैबिनेट मंत्री महेन्द्रजीत सिंह मालवीया, जिला कलेक्टर प्रकाश चंद्र जी शर्मा, नाबार्ड के डीडीएम विश्राम मीणा के मुख्य आतिथ्य में आज राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास नाबार्ड एवं वागघारा संस्था द्वारा आजीविका उद्यम विकास कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। अतिथियों द्वारा बीजों की बनाई गई रंगोली एवं भूमि पूजन किया गया। सचिव महोदय द्वारा वाग्धारा में जिला कलेक्टर के प्रथम बार आगमन पर स्वागत व धन्यवाद व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि हमें परियोजना के मुख्य उद्देश्य को समझना होगा कि किस प्रकार से हम परंपरागत बीजों एवं औषधीय पौधों को हमारे जीवन में इनके महत्व को समझें एवं हमारे जनजातीय समुदाय के मध्य में इनको लाए। नाबार्ड के विश्राम मीणा द्वारा बताया गया कि योजना का मुख्य उद्देश्य है कि यह परियोजना बांसवाड़ा जिले के कुशलगढ़ ब्लॉक के 7 गांवो एवं आनंदपुरी के 9 गांवो में स्वय सहायता समुह के सदस्य एवं परिवारों के साथ में किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत कुशलगढ़ ब्लॉक में 150 स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को औषधीय पौधों का प्रशिक्षण देकर सतत आजीविका के साथ जोड़ा जाएगा एवं आनंदपुरी में परंपरागत समुदाय आधारित बीज प्रणाली पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिसमें हम लोगों का मुख्य उद्देश्य है कि किस प्रकार से परम्परागत बीजो को सहेजना है एवं उनका उत्पादन मै बढोत्तरी को बढावा दैना है। जो बीज हमारे मध्य मै विलुप्त होते जा रहे हैं उनको सहेज कर रखना है। और उनका ही किस प्रकार से उपयोग करें ताकि हमारे आने वाले दिनों में हमें किसी प्रकार की समस्या ना हो। औषधीय पौधों का भी हमारे जीवन में बहुत ही बड़ा उपयोगी है जो हमारे लिए बहुत बड़ा कारगर साबित होंगे। परियोजना के माध्यम से कुल 300 सदस्यों को प्रशिक्षित करके गुणवत्ता युक्त स्थानीय उत्पाद को समूह के माध्यम से तैयार कर बाजार उपलब्ध करवाया जायेगा जिससे स्थानीय स्तर पर आजीविका के सतत संसाधनों कि उपलब्धता होगी।
कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री जी के द्वारा बताया गया कि वागघारा संस्था के द्वारा जो कार्य किया जा रहा है। जिससे जन जाति समुदाय को बड़ा लाभ पहुंचा है जिस प्रकार से आपकी संस्था के द्वारा जो कार्य किए जा रहे हैं वह हमारे समुदाय के लिए बहुत ही बड़े लाभकारी हैं एवं उनका पलायन रुका है। मैं परियोजना के सफल क्रियान्वयन के लिए शुभकामनाएं देता हूं। उन्होंने बताया कि औषधीय पौधे हमारे जनजातीय क्षेत्र में बहुतायात में उपलब्ध है और उससे सम्बंधित यह परियोजना औषधीय पौधों से क्षेत्र में आजीविका सृजन करने में लाभकारी होगी। इसी प्रकार परंपरागत बीज प्रणाली हम सब का आधार स्तंभ है और इसे योजना द्वारा पुनर्जिवित कर यहाँ के समुदाय को लाभ मिलेगा। मालवीय जी ने बताया कि वागड़ क्षेत्र में मिट्टी बहुत ही उपजाऊ है, यहां पर तो हमें बड़ी आसानी से पानी भी उपलब्ध हो जाता है जबकि राजस्थान के कई अन्य क्षेत्रों में गर्मी के मौसम में ट्रेन के माध्यम से पीने का पानी उपलब्ध कराया जाता है तथा उन्होंने क्रायक्रम में पधारे सभी समूह के सदस्यों को मिट्टी एवं पनी का सदुपयोग व संरक्षण करने कि सलाह देते हुए कहा कि सभी अपने अपने खेतो को मनरेगा के माध्यम से मेड बंदी व खेत समतल करे। जिला कलेक्टर प्रकाश चन्द्र शर्मा द्वारा बताया गया कि यह परियोजना जनजातीय क्षेत्र के लिए आजीविका के संसाधन जुटाने में सहयोगी रहेगी। उन्होंने बताया कि अब हमें जैविक खेती एवं स्थानीय बीजो को संरक्षित कर परम्परागत खेती को बढावा देना होगा| उन्होंने बताया कि नाबार्ड एवं सरकार द्वारा संचालित FPO गठित कर किसानो को खेती से अधिक लाभ प्राप्त होने कि दिशा में काम करना होगा| कलेक्टर द्वारा आश्वस्त किया गया कि सरकार एवं नाबार्ड द्वारा संचालित परियोजना सम्बंधित सहयोग में कोई कमी नहीं रहेगी |
Subscribe to our newsletter!