दिनांक 18 फरवरी 2020 को कुशलगढ़ पंचायत समिति सभागार में कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन, गायत्री सेवा संस्थान, वाग्धारा संस्था एवं जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान में बाल दुर्व्यापर मुक्त राजस्थान के लिए जिला स्तरीय जन संवाद का आयोजन किया गया I इस जन संवाद का मुख्य उद्देश्य बांसवाडा जिले में बच्चो के साथ होने वाले दुर्व्यवहार जैसे बाल व्यापार, बाल श्रम इत्यादि से पुरे बांसवाडा जिले को मुक्त करवाना रहा I साथ ही साथ इस विषय पर सरकारी तंत्र, गैर सरकारी संगठन एवं समुदाय के लोगों में जनजागरूकता लाने का भी प्रयास किया गया I बाँसवाड़ा जिले में बाल संरक्षण को लेकर जो समेकित प्रयास किये जा रहे है उसके लिए आने वाले समय में जिले में बाल मित्र वातावरण की स्थापना की जा सके | कार्यक्रम में पधारे सभी सरपंच व ग्राम विकास अधिकारीयों से निवेदन किया की आने वाले एक माह के भीतर भीतर आप सभी को पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति का गठन कर लेना है जिसमे तकनिकी सहयोग वाग्धारा संस्था एवं सेव द चिल्ड्रन संस्था द्वारा प्रदान किया जाएगा |
बाल कल्याण समिति बाँसवाड़ा के सदस्य श्री मधुसुधन व्यास ने ज़िले में बच्चों की यथास्थिति पर प्रकाश डालते हुए बताया की बाल कल्याण समिति के सामने गत वर्ष में 30 बाल तस्करी व बाल व्यापार जैसे मामले दर्ज किये गये, जिन पर चाइल्ड लाइन 1098 की मदद से तत्काल कार्यवाही कर उन बच्चों को बाल तस्करी से मुक्त करवाया गया एवं उनका पुनर्वास सुनिश्चित कर उनको विद्यालय से जोड़ा गया | अंत में उन्होंने कहा की इन अति संवेदनशील मुद्दो की रोकथाम केवल जनजागरूकता से ही लायी जा सकती है और इसके लिए हम सबको समेकित प्रयास करने की जरूरत है |
कुशलगढ़ पंचायत समिति के विकास अधिकारी श्री पप्पूलाल मीणा ने बताया की कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन के मार्गदर्शन में बाल दुर्व्यापर मुक्त राजस्थान के लिए जो जन संवाद चलाया जा रहा है, यह एक सराहनीय कदम है और इसके माध्यम से जनजागरूकता लाकर इस कुरीति को समाप्त किया जा सकता है |
गायत्री सेवा संस्थान से बाल अधिकार विशेषज्ञ डॉ. राजकुमारी भार्गव ने अपने अनुभवों के आधार पर अपनी बात को रखते हुए बताया जिन बच्चो को बाल दुर्व्यापार, बाल श्रम जैसे कार्यो में धकेला जाता है वहाँ न केवल उन बच्चों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है बल्कि उन बच्चों के शरीर के अंगो की भी तस्करी की जाती है, साथ ही साथ जिन लड़कियों को बाल श्रम जैसे कार्यो में लगाया जाता है उनको उपयोग भी आगे देह व्यापार जैसे गलत कार्यो में भी किया जाता है I इसलिए अगर हम सबको अपने बच्चों के लिए एक बेहतर भविष्य का निर्माण करना है तो हम सबको साथ में मिलकर इन सभी कृत्यों को जड़ से मिटाना होगा और अपने बच्चों में भी लिंग भेदभाव को खत्म करना होगा ताकि सभी बच्चों को उनके अधिकार मिले और उनका भविष्य बेहतर हो सके | कार्यक्रम के बीच में मसका महुड़ी गाँव के राकेश डामोर ने एक गीत के माध्यम से “ आंई अवे मने तू भनवा दे, मारे परनवा की उम्र नती ” उनके द्वारा 15 वर्ष की उम्र में गुजरात राज्य में किये गये बालश्रम कार्य के अनुभवों को सभी के साथ साँझा करते हुए सबको कहा की हमे अपने बच्चों को शिक्षा दिलवाना बहुत ही जरुरी है ताकि कोई भी बच्चा बालश्रम में संलग्न ना हो I
अंत में कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन से देशराज जी ने बताया की समेकित बाल संरक्षण योजना के तहत ब्लॉक व पंचायत स्तर पर बाल संरक्षण समितियों का गठन कर उनको सक्रिय किया जाना बहुत ही आवश्यक है, ताकि वहां पर आने वाले बच्चों से सम्बन्धित मुद्दों पर हर स्तर पर त्वरित कार्यवाही की जा सके और उसमे जो भी सहयोग की जरूरत है वह स्थानीय स्तर पर वाग्धारा संस्था, राज्य स्तर पर गायत्री सेवा संस्थान व राष्ट्रिय स्तर पर कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन द्वारा प्रदान किया जाएगा ताकि सभी बच्चों को संरक्षण मिले सके और उनके अधिकारों के साथ होने वाले हनन को भी रोका जा सके.
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