बच्चों की नेतृत्व क्षमता विकसित करने के लिए अभिनव कार्यक्रम के द्वितीय चरण का समापन
वाग्धारा संस्था द्वारा बच्चों की नेतृत्व क्षमता विकसित करने के लिए 'बाल स्वराज नेतृत्व विकास कार्यक्रम' की शुरुआत मई माह से की गई है। इस कार्यक्रम को तीन दिवसीय आवासीय शिविर की श्रृंखला के रूप में देखा गया है, जो पांच माह तक मासिक रूप से आयोजित किया जाएगा। इस श्रृंखला में पाँच महत्वपूर्ण विषयों को लेकर क्रमबद्ध तरीके से कार्य किया जायेगा I
कार्यक्रम के दुसरे चरण में बच्चों को नेतृत्व, निर्णय-निर्धारण और समस्या-समाधान जैसे महत्वपूर्ण कौशल सिखाये गए, जिससे वे भविष्य में सक्षम और आत्मनिर्भर व्यक्ति बन सकें। कार्यक्रम में विभिन्न व्यक्तिगत गतिविधियाँ एवं समूह गतिविधियाँ और नेतृत्व प्रशिक्षण सत्र शामिल हुए , जिन्हें विषय विशेषज्ञ लोपा शाह द्वारा संचालित किया गया । वाग्धारा संस्था के माजिद खान ने बताया कि इस पहल से बच्चों के समग्र विकास में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा और उनके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। यह कार्यक्रम बच्चों के लिए बहुत ही रोचक साबित हो रहा है, बच्चों ने अनेक प्रकार की गतिविधियों में शामिल होकर अपनी प्रतिभाओ को निखारने में कोई कसर नही छोड़ी | इस कार्यक्रम से लाभान्वित होकर बच्चे अपनी नेतृत्व क्षमताओं के विकास के द्वारा स्वयं के बारे में जागरूक होकर अपने परिवार, समुदाय और गाँव में नेतृत्वकारी भूमिका में उभरकर आ सकेंगे।
संस्था का उद्देश्य है कि बच्चों में नेतृत्व, निर्णय-निर्धारण और समस्या-समाधान जैसे महत्वपूर्ण कौशल विकसित हों, जिससे वे भविष्य में सक्षम और आत्मनिर्भर नागरिक बन सकें। कार्यक्रम प्रभारी मधु सिंह ने बताया की दिनांक 11 से 14 जून दूसरा तीन दिवसीय आवासीय शिविर आयोजित किया गया। इस शिविर में राजस्थान व मध्य प्रदेश के पालनहार लाभार्थी, अनाथ और अत्यंत गरीब परिवारों से संबंध रखने वाले कक्षा 6-12 के 84 बच्चों ने भाग लिया।
शिविर की मुख्य गतिविधियों में बच्चों ने रचनात्मक तरीकों जैसे चित्रकारी, नृत्य, गायन, और थिएटर के माध्यम से अपने विचारों को समझा और अभिव्यक्त किया। स्थानीय और गैर-स्थानीय खेलों के माध्यम से बच्चों ने गंभीर मुद्दों को समझा और अपनी भाषा वागड़ी, हिंदी, और अंग्रेजी पर पकड़ मजबूत करने के लिए गीत-कविताएँ गाईं।
बच्चों ने अपने गाँव से जुड़े नक्शे तैयार किए और उन स्थानों को भी चिन्हित किया जहाँ उन्हें अच्छा नहीं लगता। इन नक्शों से गाँव की प्रमुख समस्याएं सामने आईं, जैसे पक्की सड़क का अभाव, विद्यालय भवन का जर्जर होना, शौचालय की कमी, नाले की समस्या, पानी की कमी, विद्यालय में बालक- बालिकाओ के लिए पृथक-पृथक शौचालय का नही होगा और आगनबाडी केन्द्रों का जर्जर अवस्था में होना । साथ ही इस शिविर के दौरान, बच्चों ने ज़ूम इन और ज़ूम आउट के सिद्धांत का उपयोग करके समस्याओं का गहराई से अध्ययन किया। बच्चों ने समूहों में बटकर 'क्या, क्यों, कहाँ, कब, कैसे' के प्रश्नों पर कार्य किया और अपनी समस्याओं को चित्रों और थिएटर के माध्यम से सामूहिक रूप से मंच पर प्रदर्शित किया। बच्चों ने इन समस्याओं को विस्तार से समझाया और सुझाव दिए कि समुदाय एवं संगठनों की जिम्मेदारी है कि वे बच्चों को सुरक्षित और स्वस्थ बचपन प्रदान करें।
उक्त कार्यक्रम को फेसीलीटेट कर रही अहमदाबाद से लोपा शाह का कहना है कि स्वराज उन मूल्यों में स्थापित है जो जीवन भर बच्चे के साथ रहते हैं और चाहे वे कहीं भी हों, हर विकल्प को सूचित करते हैं। किशोरावस्था से ही स्वराज का बीजारोपण करने से युवावस्था में नेतृत्व की जड़ें मजबूत होंगी और उन्हें पार्श्विक, सामूहिक विकास की ओर आकर्षित करेंगी। बाल स्वराज नेतृत्व विकास कार्यक्रम में, हम आवासीय कार्यशालाओं के माध्यम से साझा चुनौतियों की पहचान, समाधान और संचार में सक्रिय भागीदारी के माध्यम से नेतृत्व और स्थानीय शासन में शामिल होने पर ध्यान केंद्रित करते हैं। जब बच्चे नेतृत्व के लिए अपनी क्षमता को एक दूर के सपने के रूप में नहीं, बल्कि एक अभ्यास के रूप में देखते हैं, जो आज उनकी पहुंच के भीतर है, तो वे स्वयं आचरण करना शुरू कर देते हैं और प्रासंगिकता और उद्देश्य के साथ अपने परिवार के साथ कदमताल करना शुरू कर देते हैं|
संस्था सचिव जयेश जोशी ने बताया कि इस कार्यक्रम के माध्यम से राजस्थान और मध्य प्रदेश के उभरते हुए युवा नेतृत्वकर्ता के जीवन में स्वराज के बीज बोते हुए देखना खुशी की बात है। वाग्धारा संस्था का स्वराज का दर्शन इस विश्वास में गहराई से निहित है कि सच्चा नेतृत्व और विकास आत्मनिर्भरता और सामुदायिक भागीदारी से शुरू होता है। बाल स्वराज कार्यक्रम सिर्फ कार्यशालाओं की एक श्रृंखला से कहीं अधिक है; यह एक परिवर्तनकारी यात्रा है जो बच्चों को अपने समुदायों में परिवर्तन का उत्प्रेरक बनने के लिए सशक्त बनाती है। स्थानीय शासन में संलग्न होकर और साझा चुनौतियों का समाधान करके, वे न केवल नेतृत्व के सिद्धांतों को सीखते हैं बल्कि अपने योगदान के गहरे प्रभाव का भी अनुभव करते हैं साथ ही युवा नेतृत्व और संप्रभुता को बढ़ावा देने की सामूहिक भावना का उदाहरण पेश करते हैं I वाग्धारा के व्यापक बाल-विकास कार्यक्रम 'सच्चा बचपन' और हमारे अभिनव प्रयास स्वराज शाला के माध्यम से, हम इन बाल नेतृत्वकर्ता की एक नई पीढ़ी के लिए मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं जो अपनी जड़ों से गहराई से जुड़े हुए हैं और समुदाय के नेतृत्व वाले विकास और कृषि नवाचार की भावना से प्रेरित हैं।
अंत में, शिविर ने यह समझने में मदद की, कि बचपन एक महत्वपूर्ण अवस्था है और इसे समझकर बच्चों को विकास के अवसर देना समुदाय एवं परिवार की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। सरकार, समुदाय, परिवार, और विभिन्न संगठनों को मिलकर बाल विकास और बाल अधिकारों को समझना और समग्र बाल विकास में भूमिका निभानी चाहिए। ताकि यह खिलखिलाता बचपन भविष्य में देश के जिम्मेदार नागरिक बन सके।
आइए हम अपने बच्चों की विशिष्ट पहचान का जश्न मनाएं और अपने भाग्य के मूल नेतृत्वकर्ता बनने की उनकी यात्रा में उनका समर्थन करें। साथ मिलकर, हम एक ऐसे परिदृश्य को बढ़ावा दे सकते हैं जहां प्रत्येक बच्चे को प्रासंगिकता और उद्देश्य के साथ चमकने और नेतृत्व करने का अवसर मिले।
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