दक्षिणी राजस्थान के जिलों मुख्यतया बाँसवाड़ा,उदयपुर, डूंगरपुर से सीमावर्ती गुजरात के जिलों में बड़ी संख्या में बच्चे कपास के खेतों में काम करने के लिए जाते हैं I ये बच्चे होटल, ढाबों, गृह निर्माण के कार्यों, कारखानों में तथा घरेलू नौकरों के रूप में कार्य करने के लिए जाते हैं I वाग्धारा संस्था द्वारा घाटोल ब्लाक में ‘चाइल्ड राइट्स फॉर चेंज’परियोजना का संचालन सेव द चिल्ड्रन के सहयोग से किया जा रहा हैं 4-वर्षीय इस परियोजना का एक मुख्य उद्देश्य जिले में बाल श्रम और पलायन को रोकना है ताकि बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा हो सके I

वाग्धारा के प्रोग्राम मेनेजर अभिनव शर्मा ने बताया की जिले में श्रम विभाग एवं जिला बाल संरक्षण इकाई व समन्वित बाल संरक्षण कार्यक्रम के तत्वावधान में बाल श्रम और बाल पलायन के विरोध में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है इसी क्रम में वाग्धारा द्वारा एक छः दिवसीय अभियान (22 से 27 अगस्त) आयोजित किया जा रहा है,जिसमें ग्राम स्तर पर नुक्कड़ नाटक, कला जत्था कार्यक्रम, फिल्म शो, बाल श्रम पर सम्वाद आदि आयोजित किए जायेंगे और आम जनों और जन प्रतिनिधियों को इस दिशा में कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा I

अभियान कीशुरुआत 22 अगस्त की सुबह जिला कलेक्टर श्री प्रकाश राजपुरोहित ने अपने कार्यालय में विभिन्न सूचना एवं प्रसारण सामग्रियों का विमोचन कर के किया तथा 10.30 बजे जिला कलेक्टर के कार्यालय से दो मोबाईल वेन को बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष गोपाल पंड्या, श्रम विभाग के डी एल डामोर ने हरी झंडी दिखा कर रवाना किया I यह मोबाइल वेन घाटोल ब्लाक के 100 गाँवो में जागरूकता की जोत जगाते हुए 27 अगस्त को बांसवारा लौट आएगी I इस अवसर पर ओम प्रकाश आर्य एवं मो. मोहतमिम- सेव द चिल्ड्रन, अभिनव शर्मा, परमोद पंड्या एवं परमेष पाटीदार- वागधारा संस्था, बाल कल्याण समिति सदस्य हयातगुल खान एवं बाल अधिकारिता विभाग के प्रतिनिधि संस्थाओं के प्रतिनिधि, मीडिया कर्मी एवं परियोजना के कार्यकर्ता उपस्थित रहें I

सहभागी संस्थाए : वागधरा , सेव द चिल्ड्रन – घाटोल ब्लाक

समर्थन : जिला प्रशासन , बाल अधिकारिता विभाग , श्रम विभाग एवं सर्व शिक्षा अभियान