राजस्थान के आदिवासी समुदाय द्वारा 21 दिनों तक चलने वाली स्वराज संदेश संवाद पदयात्रा के समापन कार्यक्रमों की श्रृंखला में वाग्धारा के प्रतिनिधियों ने माननीय राज्यपाल से मुलाकात कर आदिवासी समुदाय की ओर से "स्वराज आग्रह पत्र" सौंपा।
वाग्धारा के सचिव जयेश जोशी, हरिदेव जोशी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति सन्नी सबेस्टियन, किसान आयोग के सदस्य सुखदेव सिंह बुरडक और वाग्धारा के सुदीप शर्मा ने राज्यपाल से मुलाकात के दौरान उन्हें आदिवासी समुदाय द्वारा बाज़ार के प्रभुत्व एवं व्यापारोनमुख नीतियों से अपनी संप्रभुता बचाए और उसे बनाये रखने का अनुरोध रखने के उद्देश्य से “स्वराज आग्रह पत्र” सौंप कर उनसे इन आग्रहों पर गौर करने का निवेदन किया।
गौरतलब है कि जनजाति कल्याण से जुडी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए राज्यपाल को विशेषाधिकार प्रदान किया गया है।
इस अवसर पर वाग्धारा के जयेश जोशी ने राज्यपाल को संस्था द्वारा आदिवासी समुदाय के साथ और उनके लिए किये जा रहे कार्यों से विस्तृत रूप से अवगत करवाया जिसमें सच्ची खेती, सच्चा बचपन और सच्चा स्वराज के लिए किया जा रहे कार्य हैं जिनके माध्यम से परंपरागत कृषि द्वारा स्थाई आजीविका के लिए प्रयास करने, ग्राम पंचायत के कामकाज में ग्रामीणों की भागीदारी सुनिश्चित करना और बाल अधिकारों की रक्षा करना शामिल हैं।
स्वराज सन्देश संवाद पदयात्रा के बारे में उन्होंने राज्यपाल महोदय को बताया कि समुदाय द्वारा 500 किलोमीटर लंबी पदयात्रा 11 सितंबर को विनोबा भावे की जयंती पर शुरू हुई और 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के शुभ अवसर पर 21 दिनों के बाद जयपुर में समाप्त हुई। इस दौरान प्रत्यक गाँव में किसी न किसी रूप में स्वराज के हस्ताक्षर का आज भी मौजूद मिलना एक सुखद अनुभव था, जो कि प्रसन्नता के साथ गर्व की बात भी है।
उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय ने ही सही मायनों में स्वराज को जिया है। यह संप्रभु समाज और जीवन शैली का सबसे अच्छा उदाहरण है। लेकिन बिगड़ता पारिस्थितिकी तंत्र इस सब को गंभीर नुकसान पहुंचा रहा है। माननीय को स्वराज सन्देश संवाद पदयात्रा के उद्देश्यों की जानकारी दे कर समुदाय द्वारा उनके स्वराज – जल स्वराज, मृदा स्वराज, कृषि एवं पोषण का स्वराज, बीज तथा सांस्कृतिक और वैचारिक स्वराज को बचाने में आ रही चुनौतियों से भी रु-ब -रु करवाया। राज्यपाल से इन अनुरोधों पर गौर करने का आग्रह करते हुए, जयेश जोशी ने इन मुद्दों के स्वदेशी समाधान भी प्रस्तुत किए। उन्होंने राज्यपाल को वाग्धारा पधारने और दक्षिणी राजस्थान के आदिवासी समुदायों के साथ काम करने वाले जनजातीय स्वराज संगठन से मिलने का भी निमंत्रण दिया।
In the series of events to conclude the 21 days long Swaraj Sandesh Samwad Padyatra by the tribal community of Rajasthan the representatives of Vaagdhara organization which facilitated the Padyatra (walk on foot) met the hon’ble governor and handed over a memorandum “Swaraj Aagrah Patra” on behalf of the tribal community.
Mr. Jayesh Joshi, Secretary Vaagdhara, Mr. Sunny Sebastian, former Vice Chancellor of Hari Dev Joshi University, Mr. Sukhdev Singh Burdak, member of the ‘Kisan Ayog’ and Dr. Sudeep Sharma from Vaagdhara urged him to consider the requests made by the community to protect and safeguard their sovereignty which is being harmed by the dominance of the market forces in all segments of their culture and lifestyle.
It’s noteworthy that the governor has the authority to oversee the governance in the tribal areas in the state.
On this occasion, Jayesh Joshi apprised the Governor in detail about the working and the works being done by the organization with and for the tribal community, including the three core themes - true farming - true childhood and true Swaraj to ensure sustainable livelihood through traditional farming methods, ensuring the participation of the villagers in the functioning of the gram panchayat and protecting child rights.
Mr. Joshi took the privilege to brief the Governor on the Swaraj Sandesh Samwad Padyatra. He told the Governor that the 500 KM long Padyatra was undertaken by the community which commenced on the birth anniversary of Vinoba Bhave on September 11, and culminated in Jaipur after 21 days on the auspicious occasion of Gandhi Jayanti, 2nd of October. He said that it was a pleasant experience to feel the existence of Swaraj in almost all villages in one form or the other.
He said that the tribal community is the real practitioner of Swaraj. This is the best example of a sovereign society and lifestyle. But the degenerating ecosystem is causing a severe harm to all this. He also brought to the table the objectives of the Swaraj Padyatra. He said that the community was facing a challenge in regard to protecting and safeguarding its sovereignty on all fronts be it agriculture, food and nutrition, conserving water and soil, or their cultural and ideological identity.
While urging the governor to look into these requests, Jayesh Joshi also presented the indigenous solutions to these issues. He also extended his kind invitation to the Governor to visit Vaagdhara and meet Janjatiya Swaraj Sangthan, working with the tribal communities of Southern Rajasthan.
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