दिनांक 8 अगस्त 2019 को होटल रिलैक्स इन् बाँसवाड़ा में चाइल्ड राइट्स फॉर चेंज परियोजना के तहत वाग्धारा संस्था एवं सेव द चिल्ड्रन के संयुक्त तत्वाधान में बाल संरक्षण विषय पर जिला स्तरीय संवाद बैठक का आयोजन किया गया | जिसमे घाटोल एवं आनंदपुरी पंचायत समितियों से पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समितियों के सदस्यों, बाल प्रतिनिधि सदस्यों, ब्लॉक स्तरीय बाल संरक्षण समिति के सदस्यों ने भाग लिया | कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मानव तस्करी इकाई प्रभारी श्रीमान गजेन्द्र सिंह, विशिष्ट अतिथि बाल कल्याण समिति सदस्य श्रीमान मधुसुधन व्यास , सहायक निदेशक बाल अधिकारिता विभाग श्रीमान असीन शर्मा एवं वाग्धारा से थीम लीडर श्रीमान रोहित सामरिया थे | कार्यक्रम की अध्यक्षता सेव द चिल्ड्रन के सहायक प्रबन्धक श्रीमान ओम प्रकाश आर्य ने की | कार्यक्रम की शुरुआत बच्चों द्वारा अतिथियों के माल्यार्पण एवं माँ त्रिपुरा सुंदरी के दीप प्रज्वलन से हुई | जिसके बाद कार्यक्रम के उद्देश्य के बारे में जानकारी परियोजना प्रबन्धक माजिद खान द्वारा दी गयी एवं संस्था द्वारा जिले को बाल श्रम मुक्त बनाने के लिए किये जा रहे प्रयासों को एक चल चित्रण के माध्यम से सभी को अवगत करवाया गया | जिसमे घाटोल एवं आनंदपुरी ब्लॉक के बच्चों की वर्तमान वंचितता स्तिथि पर सबका ध्यान आकर्षित किया गया | जिसमे मुख्यतः एकल माता के साथ रहने वाले बच्चें, विशेष योग्यजन बच्चें, अनाथ बच्चें एवं बाल मजदूरी में संलग्न बच्चों के परिवारों की संख्या चौकाने वाली रही, इस संदर्भ में सभी उपस्थित अतिथियों एवं बाल संरक्षण समितियों के सदस्यों से वाग्धारा संस्था द्वारा आह्वान किया गया की बच्चों को इन परिस्थितियों से बाहर निकालने के लिए हम सबको मिलकर एक समेकित प्रयास करना होगा |
बाल कल्याण समिति के सदस्य मधुसुधन व्यास ने समेकित बाल संरक्षण योजना पर प्रकाश डालते हुए बताया की योजना के प्रभावी किर्यान्वयन के लिए जमीनी स्तर पर गठित बाल संरक्षण समितियों को अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए बच्चों के सर्वोत्तम हित में कार्य करने की विशेष जरूरत है ताकि बच्चों के साथ आये दिन होने वाले दुर्व्यवहार व शोषण को रोका जा सके |
सहायक निदेशक बाल अधिकारिता विभाग श्रीमान असीन शर्मा ने अपने उद्बोधन में बताया की हमारे विभाग द्वारा जो भी बाल कल्याणकारी योजनाएं बच्चों के लिए संचालित हे उनका फायदा सभी वंचित बच्चों को मिले इसके लिए हम हमेशा सहयोग के लिए तैयार हैं एवं साथ ही समेकित बाल संरक्षण योजना के प्रभावी किर्यान्वयन के लिए जिम्मेदारियों को निभाना हमारा दायित्व हैं |
वाग्धारा संस्था के थीम लीडर रोहित सामरिया जी ने बताया की जो भी गाँव विकासशील है वही पर बच्चों के साथ दुर्व्यवहार व शोषण के मामले ज्यादा निकल कर आ रहे हैं इसलिए हम सभी जिम्मेदार समुदाय के रूप में अपनी भूमिका निभाकर इन बच्चों को उनके सभी अधिकारों मिले ऐसी योजना गाँव स्तर पर बनाने की जरूरत है साथ ही साथ गाँव स्तर पर सबको मिलकर विकास की योजना बनाकर स्थानीय स्तर पर आजीविका के साधन उपलब्ध करवाने के लिए सक्रीय होना जरुरी है ताकि परिवारों के पलायन को रोका जा सके |
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्रीमान गजेन्द्र सिंह ने सर्वप्रथम वाग्धारा संस्था एवं सेव द चिल्ड्रन द्वारा बच्चों के संरक्षण के लिए किये जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए बताया की दुनिया में मानवाधिकार सबके लिए लागु है फिर भी बच्चों को विशेष रूप से संरक्षण देने के लिए बाल अधिकारों की आवश्यकता क्यों पड़ी ? क्यूंकि सभी जिम्मेदार नागरिक बच्चों के प्रति संवेदनशील नहीं है | इसलिए बच्चों के साथ इस तरह की घटनाएँ आम तौर पर देखने को मिलती हैं | जैसे बच्चों को आर्थिक तंगी की वजह से गड़रिये के पास रख देना, बच्चों को कम आयु में होटलों व ढ़ाबो पर काम पर रख देना या नवजात शिशु को झाड़ियो में फेंक देना | इन सब घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा इन कार्यो में लिप्त लोगो के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी |
कार्यक्रम के अध्यक्ष श्रीमान ओम प्रकाश आर्य ने बालश्रम को लेकर बताया की 3 से 6 वर्ष के सभी बच्चों को शाला पूर्व शिक्षा मिले एवं 6 से 14 वर्ष के सभी बच्चों को प्रारम्भिक शिक्षा एवं 14 से 18 वर्ष के बच्चों को माध्यमिक व् उच्च माध्यमिक शिक्षा मिले इसकी जिम्मेदारी उसके माता पिता या संरक्षक की है और जिन बच्चों के माता पिता या संरक्षक नहीं है तो यह जिम्मेदारी समुदाय व पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति की है साथ ही साथ सबको यह भी सुनिश्चित करना है की 6 से 18 वर्ष तक किसी भी बच्चे को किसी भी प्रकार के बाल श्रम में ना जोड़ा जाये ताकि उनके अधिकारों का हनन ना हो | साथ ही साथ जिला प्रशासन, स्वयं सेवी संस्थान व मीडिया की भी पूरी जिम्मेदारी है की वह समय समय पर इन समितियों को सहयोग प्रदान करे ओर सभी बच्चों को एक बाल मित्र वातावरण प्रदान करने में अपनी भूमिका निभाए |
अतिथियों के प्रेरणादायक उद्बोधनो के बाद खुली चर्चा के दौरान बाल सदस्यों एवं बाल संरक्षण समितियों के सदस्यों ने भी अपनी बात को रखते हुए बताया की उनके द्वारा गाँव स्तर पर बच्चो के संरक्षण के लिए नियमित प्रयास किये जा रहे है जिसमे इस परियोजना का मार्गदर्शन समय समय पर प्राप्त हो रहा है |
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